महामारी का 'मुकुट'
कोरोना का अर्थ यूँ तो लातीनी भाषा में मुकुट होता है क्योंकि इस वायरस के चारों ओर कॉटा निकला होता है, लेकिन ना चाहते हुए भी ये मुकुट आज लाखों लोगों के सर पर सज गया है.. जिसके कारण इस महामारी में सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए है..ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया थम सी गई है, जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लग चुका है.. एक अदृश्य जीवाणु जिसने पूरे विश्व को खतरे में ला दिया है, वो डर बनकर सबके दिलों में बैठ गया है, चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है, भगदड़ जैसी स्थिति है सभी हैरान, परेशान हैसारे मंदिर, मस्जिद, गुरूद्व्ारे और चर्च बंद हो चुंके है और ऐसी स्थिति में सबके घर ही पूजा-पाठ, अराधना के केंद्र बन चुके हैं... ऐसी स्थिति में हिम्मत हारने से कुछ नहीं होगा घर पर रहकर ही सारी मानवता को बचाने के लिए प्रार्थना करनी होगी, हिम्मत हारने से कुछ हासिल नहीं होगा... इस वायरस से हमें लड़ना होगा और जीतना भी होगा.. बस धैर्य और साहस बनाकर एकजुटता से एक दूसरे को मदद करते हुए इस वैश्विक विकटता को मात देनी होगी..
इस संकट काल में जब हम घर में कैदी की तरह बंद है,तो सारे पशु, पक्षी, खुशी से हंस रहे हैं खिलखिला रहे है और अपनी आजादी का जश्न मना रहे है क्योंकि हवा बिलकुल स्वच्छ और निर्मल हो गई सारी सड़के शान्त है कहीं भी गाड़ी सवारी का शोर नहीं, चारों ओर एक अनोखा शांति का माहौल है और ये मौन बेजुबान इंसानों के लिए जश्न मनाने का संयोग बन कर उभरा है...
ऐसी कठिन स्थिति में हमें निराश होने की जरूरत नहीं है ऐसा नहीं है कि पहले मानव सभ्यता के इतिहास में किसी वायरस या विषाणु का हम सामना नहीं किए है.. भूतकाल में भी हम बहुत सारी महामारी का सामना कर चुके है और समय आने पर सबकी दवा और टीका का अविष्कार भी किया गया और हम उबर भी आए चाहे वो प्लेग हो या स्वाइन फ्लु या मलेरिया या पोलियो इस वायरस की भी दवा का इजाद होगा लेकिन तब तक हमें संयम और धैर्य से रहकर एकाकी जीवन बीताना होगा ताकि हम कोरोना रूपी जंग में जीत हासिल की जा सके.... हम जीतेंगे सारी मानवता जीतेगी, दृढ राजनीति का इच्क्षा शक्ति, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े असंख्य लोगों का समर्पण और करोड़ों लोगों की प्रार्थना जरूर रंग लाएगी और हम जीतेंगे


